सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा, sare jhan se acha hindostan hamara harmonium notes

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा 'सारे जहां से अच्छा' एम. इकबाल द्वारा लिखा गया एक प्रचलित देशभक्ति गीत है। इसे 'तराना-ए-हिन्द' नाम से भी जाना जाता है। स्वतंत्रता के पूर्व लगभग 1904 में लिखे गये भारतीय उप-महाद्वीप के इस स्तुतिगान का सामान्य अर्थ है कि हमारा देश हिन्दोस्तान समस्त संसार से अच्छा है। हम इसकी बुलबुले हैं और यह हमारा गुलिस्तान है। यह सबसे ऊंचा पर्वत है जो हमारी रखवाली करता है। इसकी गोद में हज़ारों नदियां किलकारी करती हैं, जिससे स्वर्ग को भी ईष्या हो जाये। धर्म आपस में द्वेष करना नहीं सिखाता। मूल गीत में अन्य पद भी हैं, परन्तु नीचे दिया गया संक्षिप्त संस्करण भारत में विविध धुनों में प्रचलित हैं। सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा शब्दकार-एम. इकबाल सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा। हम बुल बुलें हैं उसकी, वो गुलसिताँ हमारा।। पर्वत वो सबसे ऊँचा, हम साया आसमाँ का। वो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा ।। ग...